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आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ी छलांग: नोएडा बनेगा सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग का नया हब


परिचय: आत्मनिर्भर भारत की तकनीकी क्रांति

Big leap towards self-reliant India : भारत अब सेमीकंडक्टर जैसी उच्च तकनीकी क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में तेज़ी से बढ़ रहा है। सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल के तहत अब सेमीकंडक्टर चिप्स के लिए देश को विदेशों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। नोएडा को भारत का अगला सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने की योजना इस दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है।

यह विकास केवल तकनीक के क्षेत्र में नहीं, बल्कि रोज़गार, आर्थिक वृद्धि और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में भी भारत को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएगा।


सेमीकंडक्टर क्या है और क्यों ज़रूरी है?

सेमीकंडक्टर एक ऐसा पदार्थ होता है जो बिजली का संचालन आंशिक रूप से करता है और इसका उपयोग मोबाइल फोन, लैपटॉप, टीवी, ऑटोमोबाइल, मेडिकल उपकरण आदि में होता है। ये आधुनिक तकनीक की रीढ़ हैं।

आज दुनिया की अधिकांश सेमीकंडक्टर आपूर्ति अमेरिका, चीन, ताइवान और कोरिया जैसे देशों पर निर्भर है। कोविड-19 महामारी और भू-राजनीतिक संकटों ने जब वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला को बाधित किया, तब भारत ने यह महसूस किया कि सेमीकंडक्टर के लिए आत्मनिर्भरता समय की मांग है।


नोएडा क्यों है सबसे उपयुक्त स्थान?

नोएडा (उत्तर प्रदेश) को सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में चुनने के कई महत्वपूर्ण कारण हैं:

  • स्ट्रैटेजिक लोकेशन: दिल्ली-एनसीआर से निकटता।
  • इन्फ्रास्ट्रक्चर: पहले से विकसित इंडस्ट्रियल जोन और टेक्नोलॉजी पार्क।
  • स्किल्ड मैनपावर: आईटी और इंजीनियरिंग टैलेंट की भरपूर उपलब्धता।
  • पॉलिसी सपोर्ट: उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा उद्योगों को दी जा रही रियायतें और अनुकूल नीतियां।

सरकार की योजनाएं और निवेश

भारत सरकार ने 76,000 करोड़ रुपये का विशेष प्रोत्साहन पैकेज सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग के लिए मंज़ूर किया है। इसके तहत देशभर में सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन यूनिट्स लगाने का रोडमैप तैयार किया गया है। नोएडा में बनने वाली फैक्टरी इस योजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

मुख्य निवेशक कंपनियां:

  • Vedanta-Foxconn JV
  • ISMC Analog Fab
  • Tata Electronics
  • SPEL Semiconductors

इन कंपनियों के सहयोग से भारत की सेमीकंडक्टर क्षमता में जबरदस्त उछाल आने की उम्मीद है।


स्थानीय रोजगार को मिलेगा बढ़ावा

नोएडा में सेमीकंडक्टर निर्माण इकाइयों की स्थापना से हजारों तकनीकी और गैर-तकनीकी नौकरियां पैदा होंगी। अनुमान है कि प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 50,000 से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलेगा।

साथ ही, इससे आसपास के क्षेत्रों में सहायक उद्योग, लॉजिस्टिक्स, आवास और शिक्षा के क्षेत्र में भी बड़ा प्रभाव पड़ेगा।


भारत की वैश्विक छवि को मिलेगा नया आयाम

आज जब दुनिया अमेरिका-चीन तकनीकी युद्ध, ताइवान संकट और सप्लाई चेन की जटिलताओं से जूझ रही है, तब भारत एक वैकल्पिक मैन्युफैक्चरिंग गंतव्य के रूप में उभर रहा है। सेमीकंडक्टर जैसे उच्च तकनीकी क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनकर भारत:

  • वैश्विक निवेशकों के लिए आकर्षक विकल्प बनेगा।
  • इलेक्ट्रॉनिक्स और ऑटो सेक्टर में प्रतिस्पर्धा में आगे बढ़ेगा।
  • डिजिटल इंडिया और 5G/6G विकास को मजबूती मिलेगी।

सेमीकंडक्टर निर्माण की चुनौतियां और समाधान

जहां एक ओर यह योजना सुनने में शानदार है, वहीं इसके सामने कई तकनीकी, आर्थिक और पर्यावरणीय चुनौतियां भी हैं:

1. हाई कैपिटल इन्वेस्टमेंट:
सेमीकंडक्टर फैब की स्थापना में अरबों डॉलर का निवेश लगता है। इसके लिए पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप और सरकार की सब्सिडी अहम होंगी।

2. स्किल डेवलपमेंट:
हाई-टेक इंडस्ट्री के लिए विशेष कौशल की ज़रूरत होती है। इसके लिए आईटीआई, इंजीनियरिंग कॉलेज और विशेष प्रशिक्षण केंद्रों की आवश्यकता है।

3. पानी और बिजली की मांग:
सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग में विशाल मात्रा में पानी और 24×7 बिजली चाहिए होती है। इसके लिए सरकार को इंफ्रास्ट्रक्चर पर विशेष ध्यान देना होगा।

समाधान:
सरकार पहले ही मिशन मोड पर काम कर रही है – नीति आयोग, इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्रालय और राज्य सरकारों का समन्वय इस योजना को सफल बनाएगा।


अगला कदम: स्टार्टअप्स और R&D को जोड़ना

अगर भारत को सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में दीर्घकालिक सफलता चाहिए, तो ज़रूरी है कि:

  • इनोवेशन को बढ़ावा मिले।
  • स्टार्टअप्स को R&D ग्रांट्स और लैब्स उपलब्ध कराई जाएं।
  • यूनिवर्सिटीज़ को इंडस्ट्री से जोड़ा जाए।

इस दिशा में IITs और अन्य तकनीकी संस्थानों को जोड़ा जा रहा है जिससे भारत तकनीकी रूप से आत्मनिर्भर बन सके।


निष्कर्ष: आत्मनिर्भर भारत का तकनीकी युग

नोएडा में सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग हब की स्थापना केवल एक फैक्टरी की शुरुआत नहीं, बल्कि भारत के तकनीकी और आर्थिक आत्मनिर्भरता की नींव है। इससे न सिर्फ भारत की वैश्विक छवि बदलेगी, बल्कि लाखों युवाओं को एक नए युग की ओर ले जाया जाएगा।

Ashish
Ashishhttps://www.aajkinews27.com
Ashish is a passionate news writer with 3 years of experience covering politics, business, entertainment, sports, and the latest news. He delivers accurate and engaging content, keeping readers informed about current events. With a keen eye for detail, Ashish ensures every story is well-researched and impactful. Stay updated with his insightful news coverage.
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