Bihar News: Police lathicharge on BPSC TRE-3 candidates, ruckus after attempt to surround CM residence : बिहार में शिक्षक बहाली को लेकर एक बार फिर तनावपूर्ण माहौल बन गया है। BPSC TRE-3 यानी बिहार लोक सेवा आयोग शिक्षक भर्ती परीक्षा (चरण-3) से जुड़े सैकड़ों अभ्यर्थियों पर उस वक्त पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया जब वे राजधानी पटना में मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने पहुंचे। इस विरोध प्रदर्शन ने जल्द ही उग्र रूप ले लिया और प्रशासन को हालात काबू में करने के लिए बल प्रयोग करना पड़ा।
इस घटना से एक ओर जहां अभ्यर्थियों में आक्रोश है, वहीं राजनीतिक गलियारों में भी इस मुद्दे को लेकर हलचल मच गई है। आइए विस्तार से जानते हैं कि यह पूरा मामला क्या है, छात्र क्यों कर रहे हैं विरोध, और पुलिस की कार्रवाई पर किस तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।
Table of Contents
📚 BPSC TRE-3 क्या है और क्यों मचा बवाल?
BPSC TRE-3 यानी Bihar Public Service Commission Teacher Recruitment Examination (Phase-3) एक बड़ी शिक्षक भर्ती प्रक्रिया है, जिसके माध्यम से राज्य के सरकारी स्कूलों में हजारों पदों पर शिक्षकों की नियुक्ति होनी है।
हालांकि, इस प्रक्रिया को लेकर शुरुआत से ही अभ्यर्थी असंतुष्ट रहे हैं। कई अभ्यर्थियों का आरोप है कि परीक्षा परिणाम में गड़बड़ियां हैं, काउंसलिंग में पारदर्शिता नहीं है और चयन प्रक्रिया में मनमानी की जा रही है। इसके अलावा, कुछ उम्मीदवारों का यह भी कहना है कि उनके दस्तावेज सही होने के बावजूद उन्हें चयन से वंचित कर दिया गया।
इन्हीं कारणों से अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने का निर्णय लिया, ताकि सरकार का ध्यान उनकी समस्याओं की ओर आकर्षित किया जा सके।
👥 विरोध प्रदर्शन में शामिल अभ्यर्थी क्या कह रहे हैं?
प्रदर्शन में शामिल एक अभ्यर्थी ने कहा:
“हमने मेहनत से परीक्षा दी, सारे दस्तावेज सही हैं, फिर भी हमें नौकरी नहीं मिली। सरकार सिर्फ दिखावे की भर्ती कर रही है। हमारी आवाज को सुना नहीं जा रहा, इसलिए हम सड़कों पर उतरने को मजबूर हुए हैं।”
कई अभ्यर्थियों ने यह भी कहा कि वे शांतिपूर्वक विरोध कर रहे थे, लेकिन पुलिस ने बिना चेतावनी के लाठीचार्ज शुरू कर दिया। कुछ का दावा है कि वे बस मांगपत्र सौंपने जा रहे थे, लेकिन उन्हें रास्ते में ही रोका गया और बलपूर्वक हटाया गया।
👮 पुलिस का जवाब: भीड़ नियंत्रित करना जरूरी था
पुलिस की ओर से मिली जानकारी के अनुसार, प्रदर्शनकारियों ने तय मार्ग और अनुमति का उल्लंघन किया और मुख्यमंत्री आवास की ओर बिना अनुमति मार्च करने लगे। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि हालात बेकाबू हो रहे थे और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए लाठीचार्ज आवश्यक हो गया था।
पटना के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया:
“अभ्यर्थियों को पहले ही शांतिपूर्वक लौटने के लिए कहा गया था, लेकिन वे नहीं माने और सुरक्षा घेरे को तोड़ने लगे। इससे मजबूरन बल प्रयोग करना पड़ा।”
🏥 कई छात्र घायल, इलाज जारी
लाठीचार्ज में कई अभ्यर्थी घायल हो गए हैं। कुछ को मौके पर ही प्राथमिक चिकित्सा दी गई, जबकि गंभीर रूप से घायल कुछ छात्रों को पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (PMCH) में भर्ती कराया गया।
एक घायल छात्रा ने रोते हुए बताया:
“हम पढ़े-लिखे नौजवान हैं, हम कोई अपराधी नहीं कि हम पर लाठी चलाई जाए। हमारी गलती सिर्फ इतनी थी कि हमने अपनी मांग सरकार तक पहुंचाने की कोशिश की।”
🗣️ राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी तेज़
BPSC TRE-3 विवाद पर राजनीतिक दलों की प्रतिक्रियाएं भी सामने आने लगी हैं। विपक्षी दलों ने सरकार पर जमकर निशाना साधा है। बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा:
“यह लोकतंत्र में छात्रों की आवाज को कुचलने का प्रयास है। सरकार जवाबदेही से भाग रही है और बेरोजगारी के सवालों पर चुप है।”
वहीं, राजद और लेफ्ट दलों ने भी पुलिस कार्रवाई की कड़ी निंदा की है और मांग की है कि दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई हो।
📝 छात्र मांग रहे हैं: निष्पक्ष जांच और नियुक्ति प्रक्रिया में पारदर्शिता
BPSC TRE-3 के अभ्यर्थियों की प्रमुख मांगें हैं:
- चयन सूची में पारदर्शिता लाई जाए
- जिन अभ्यर्थियों के दस्तावेज सही हैं, उन्हें नियुक्ति दी जाए
- रिजल्ट में की गई कथित गड़बड़ियों की जांच हो
- पूरे मामले की निष्पक्ष न्यायिक जांच हो
- सरकार प्रतिनिधिमंडल से मिले और समाधान निकाले
अभ्यर्थियों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जातीं, वे विरोध जारी रखेंगे।
📊 बिहार में शिक्षा भर्ती को लेकर लगातार विवाद
यह पहला मौका नहीं है जब बिहार में शिक्षक भर्ती को लेकर विवाद हुआ हो। इससे पहले भी TRE-1 और TRE-2 में अनियमितताओं के आरोप लगे थे। हजारों छात्र-छात्राओं ने पटना की सड़कों पर प्रदर्शन किया था, लेकिन सरकार और प्रशासन की ओर से कोई ठोस समाधान नहीं निकला।
BPSC पर आरोप है कि वह न तो शिकायतों का सही जवाब देता है और न ही अपील की प्रक्रिया को स्पष्ट करता है।
📌 निष्कर्ष: कब मिलेगा छात्रों को न्याय?
BPSC TRE-3 भर्ती परीक्षा से जुड़ा यह हालिया विवाद बिहार की शिक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करता है। एक ओर जहां सरकार ‘रोजगार मेले’ और ‘बेरोजगारी भत्ता’ जैसी योजनाओं की बात करती है, वहीं दूसरी ओर वास्तविक योग्य उम्मीदवारों को लाठी और आंसू गैस से जवाब दिया जा रहा है।
छात्रों की आवाज को दबाने के बजाय उनकी समस्याओं को सुनकर समाधान निकालना ही लोकतंत्र की सही पहचान है। यदि इसी तरह शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर बल प्रयोग होता रहा, तो यह न केवल सरकार की छवि को नुकसान पहुंचाएगा, बल्कि बिहार की आने वाली पीढ़ियों में व्यवस्था के प्रति विश्वास की कमी पैदा कर देगा।