बर्ड फ्लू क्या है?
Bird Flu Alert : बर्ड फ्लू, जिसे एवियन इन्फ्लुएंजा भी कहा जाता है, एक संक्रामक वायरल बीमारी है जो मुख्यतः पक्षियों में पाई जाती है। यह बीमारी खासतौर पर मुर्गियों, बतखों और अन्य पक्षियों को प्रभावित करती है, लेकिन कुछ मामलों में इंसानों में भी इसके संक्रमण की पुष्टि हुई है। लखनऊ में हाल ही में बर्ड फ्लू के मामलों के सामने आने के बाद प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है। ऐसे में जरूरी है कि हम सतर्क रहें और अपने खानपान के साथ जीवनशैली में कुछ जरूरी सावधानियां अपनाएं।
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लखनऊ में क्यों जारी हुआ बर्ड फ्लू अलर्ट?
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कुछ पक्षियों की अचानक मौत के बाद नमूनों की जांच की गई, जिसमें बर्ड फ्लू वायरस (H5N1) की पुष्टि हुई। पशुपालन विभाग और स्वास्थ्य विभाग ने इस पर त्वरित कार्रवाई करते हुए प्रभावित क्षेत्रों में अलर्ट जारी कर दिया है। साथ ही, पोल्ट्री फार्म्स और मीट बाजारों पर भी निगरानी बढ़ा दी गई है।
बर्ड फ्लू इंसानों में कैसे फैलता है?
हालांकि बर्ड फ्लू मुख्य रूप से पक्षियों तक ही सीमित रहता है, लेकिन कुछ स्ट्रेन ऐसे होते हैं जो इंसानों को भी संक्रमित कर सकते हैं। यह संक्रमण आमतौर पर संक्रमित पक्षियों के संपर्क में आने या उनका अधपका मांस खाने से फैल सकता है। इसलिए लखनऊ समेत देशभर में लोगों से आग्रह किया जा रहा है कि वे अपने खानपान को लेकर सतर्क रहें।
बर्ड फ्लू के लक्षण क्या हैं?
यदि कोई व्यक्ति बर्ड फ्लू वायरस से संक्रमित होता है, तो उसमें निम्नलिखित लक्षण देखे जा सकते हैं:
- तेज बुखार
- गले में खराश
- खांसी
- सांस लेने में कठिनाई
- शरीर में दर्द
- थकान और कमजोरी
- कभी-कभी पेट दर्द, डायरिया और उल्टी
यदि उपरोक्त लक्षण नजर आएं और हाल ही में पोल्ट्री उत्पादों का सेवन किया गया हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
खानपान में बरतें ये सावधानियां
बर्ड फ्लू के बढ़ते मामलों के बीच, खानपान को लेकर विशेष सावधानी बरतना आवश्यक है। नीचे दिए गए सुझावों का पालन कर आप संक्रमण से खुद को सुरक्षित रख सकते हैं:
1. मुर्गी और अंडा अच्छे से पकाएं
कच्चा या अधपका चिकन व अंडा वायरस को नष्ट नहीं कर पाता। इसलिए इन्हें अच्छी तरह से पकाकर ही सेवन करें। खाना कम से कम 70 डिग्री सेल्सियस तापमान पर पकाना चाहिए।
2. साफ-सफाई का रखें विशेष ध्यान
खाना बनाने से पहले और बाद में हाथ धोना न भूलें। किचन के बर्तनों को भी अच्छे से धोएं, खासतौर पर उन बर्तनों को जिनमें कच्चा मांस रखा गया हो।
3. स्थानीय मीट बाजारों से खरीदारी करते समय सतर्क रहें
हमेशा लाइसेंस प्राप्त और स्वच्छता का पालन करने वाले दुकानों से ही चिकन या अंडे खरीदें। यदि कोई बीमार पक्षी दिखे तो उसे छूने से बचें और प्रशासन को जानकारी दें।
4. कच्चे मांस को अन्य खाद्य वस्तुओं से अलग रखें
फ्रिज में कच्चे मांस और अंडों को अन्य फूड आइटम्स से अलग रखें ताकि क्रॉस-कंटेमिनेशन का खतरा न रहे।
5. बाहर के खाद्य पदार्थों से परहेज करें
इस दौरान सड़कों पर मिलने वाले नॉनवेज फूड आइटम्स से दूरी बनाए रखें क्योंकि इनकी सफाई और गुणवत्ता संदिग्ध हो सकती है।
कौन-कौन लोग हैं ज्यादा जोखिम में?
कुछ समूहों को बर्ड फ्लू से संक्रमण का खतरा अधिक होता है, जैसे:
- पोल्ट्री फार्म में काम करने वाले लोग
- मीट प्रोसेसिंग यूनिट्स के कर्मचारी
- पशु चिकित्सक
- कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले व्यक्ति
- छोटे बच्चे और बुजुर्ग
ऐसे लोगों को अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए और डॉक्टर से नियमित सलाह लेते रहना चाहिए।
बर्ड फ्लू से बचाव के उपाय
बर्ड फ्लू से खुद को बचाने के लिए निम्नलिखित उपायों का पालन करें:
- व्यक्तिगत स्वच्छता का ध्यान रखें
- किसी भी मृत पक्षी को न छुएं
- संदिग्ध क्षेत्र में मास्क और दस्ताने पहनें
- पोल्ट्री उत्पादों को लेकर लापरवाही न बरतें
- नियमित रूप से हाथ धोते रहें
- किसी भी लक्षण के दिखने पर डॉक्टर से संपर्क करें
सरकार की ओर से उठाए गए कदम
उत्तर प्रदेश सरकार और लखनऊ नगर निगम ने बर्ड फ्लू को रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिनमें शामिल हैं:
- प्रभावित क्षेत्रों में पोल्ट्री उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध
- पक्षियों की मौत पर त्वरित जांच और रिपोर्टिंग
- पशुपालन विभाग की टीमों द्वारा जागरूकता अभियान
- पोल्ट्री फार्म्स की गहन निगरानी
सरकार ने लोगों से अपील की है कि वे घबराएं नहीं, बल्कि सतर्कता बरतें और किसी भी असामान्य स्थिति की तुरंत सूचना दें।
निष्कर्ष
लखनऊ में बर्ड फ्लू के मामलों ने एक बार फिर लोगों को स्वास्थ्य और स्वच्छता के प्रति जागरूक किया है। यदि हम थोड़ी सी सतर्कता बरतें, अपने खानपान और स्वच्छता का ध्यान रखें, तो इस वायरस से खुद को और अपने परिवार को सुरक्षित रख सकते हैं। याद रखें, सतर्कता ही बचाव है।