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Box Office: ‘कराटे किड लीजेंड्स’ की बॉक्स ऑफिस पर धीमी शुरुआत, अभी भी 50 करोड़ के आंकड़े से दूर ‘भूल चूक माफ’

Box Office: ‘Karate Kid Legends : बॉक्स ऑफिस पर हर शुक्रवार नई उम्मीदों के साथ कोई न कोई फिल्म दस्तक देती है। कुछ फिल्में पहले ही दिन से तहलका मचा देती हैं, तो कुछ को दर्शकों का प्यार धीरे-धीरे मिलता है। हाल ही में रिलीज़ हुई दो बड़ी फिल्में—‘कराटे किड लीजेंड्स’ और ‘भूल चूक माफ’—को लेकर दर्शकों और ट्रेड पंडितों में काफी चर्चा थी। लेकिन हकीकत में इन दोनों ही फिल्मों का प्रदर्शन बॉक्स ऑफिस पर उम्मीद से काफी कमज़ोर रहा है।

आइए जानते हैं इन दोनों फिल्मों का बॉक्स ऑफिस हाल और समझते हैं कि इनकी धीमी कमाई के पीछे क्या कारण हो सकते हैं।


कराटे किड लीजेंड्स: बड़ी उम्मीदें, लेकिन धीमी शुरुआत

फिल्म का परिचय:
‘कराटे किड लीजेंड्स’ एक एक्शन-ड्रामा फिल्म है, जो 1984 की क्लासिक ‘कराटे किड’ सीरीज के पात्रों पर आधारित है। यह फिल्म मार्शल आर्ट्स की दुनिया में एक नई पीढ़ी की कहानी को पेश करती है और इसमें पुरानी पीढ़ी के किरदारों की वापसी भी दिखाई गई है।

स्टारकास्ट और डायरेक्शन:
फिल्म में ओरिजिनल कराटे किड से राल्फ माचियो और विलियम ज़बका जैसे दिग्गज सितारे भी शामिल हैं। इसके अलावा कुछ नए चेहरों को भी पेश किया गया है। फिल्म का निर्देशन किया है जॉन हर्ट्ज़ ने, जो इससे पहले भी कराटे किड ब्रह्मांड से जुड़ी ‘कोबरा काई’ सीरीज़ का निर्देशन कर चुके हैं।

बॉक्स ऑफिस रिपोर्ट:

  • पहले दिन की कमाई: लगभग ₹5.3 करोड़
  • तीन दिन का कलेक्शन: ₹14.7 करोड़
  • पहले हफ्ते की अनुमानित कमाई: ₹24-26 करोड़
  • टारगेट: ₹100 करोड़ क्लब में शामिल होना

लेकिन जिस तरह की ब्रांड वैल्यू और नॉस्टैल्जिया फैक्टर इस फिल्म से जुड़ा था, उसके मुकाबले यह आंकड़े काफी निराशाजनक हैं। ट्रेड एनालिस्ट्स का मानना है कि फिल्म की मार्केटिंग स्ट्रैटेजी बहुत ज़्यादा इंटरनेशनल ऑडियंस को टारगेट कर रही थी, जबकि भारतीय बाजार में इसे उतना प्रमोशन नहीं मिला।


भूल चूक माफ: स्टारकास्ट दमदार, पर कहानी ढीली

फिल्म का परिचय:
‘भूल चूक माफ’ एक सोशल ड्रामा फिल्म है, जिसमें रिश्तों, गलतफहमियों और क्षमा करने की भावना को केंद्र में रखा गया है। फिल्म का नाम ही दर्शाता है कि यह एक भावनात्मक जर्नी है, जिसमें इंसानों की कमजोरियों और उनके सुधार की संभावना को दिखाया गया है।

स्टारकास्ट:
फिल्म में मुख्य भूमिकाओं में हैं विक्रांत मैसी, भूमि पेडनेकर और नीना गुप्ता। इन कलाकारों की अभिनय क्षमता पर कोई शक नहीं, लेकिन स्क्रिप्ट और डायरेक्शन के मोर्चे पर फिल्म थोड़ी कमजोर साबित हुई।

बॉक्स ऑफिस रिपोर्ट:

  • पहले दिन की कमाई: ₹2.8 करोड़
  • तीन दिन का कलेक्शन: ₹8.5 करोड़
  • अब तक की कुल कमाई (7 दिन): ₹12.4 करोड़
  • 50 करोड़ का लक्ष्य अभी भी बहुत दूर

फिल्म को समीक्षकों से मिश्रित प्रतिक्रिया मिली। जहां कुछ ने इसकी भावनात्मक गहराई की तारीफ की, वहीं कई लोगों ने इसे स्लो और प्रेडिक्टेबल कहा। यही कारण है कि दर्शकों का रुझान इस फिल्म की ओर सीमित रहा।


क्यों पिछड़ रहीं ये फिल्में?

1. सीमित प्रचार और प्रमोशन:

‘कराटे किड लीजेंड्स’ जैसी फिल्म को यदि भारत में बड़ी रिलीज़ चाहिए थी, तो उसका प्रमोशन बड़े स्तर पर होना चाहिए था। वहीं ‘भूल चूक माफ’ जैसी संवेदनशील फिल्म को वर्ड ऑफ माउथ की ज़रूरत थी, जो शुरूआत में ही कमजोर साबित हुआ।

2. ओटीटी की बढ़ती ताकत:

इन दोनों फिल्मों की रिलीज़ से पहले ही दर्शकों में यह चर्चा थी कि ये जल्दी ही ओटीटी पर आ जाएंगी। ऐसे में लोगों ने सिनेमाघर का रुख करने के बजाय इंतजार करना बेहतर समझा।

3. कंटेंट की दमदार कमी:

‘कराटे किड लीजेंड्स’ जहां पुरानी फ्रैंचाइज़ी का रीबूट है, वहीं ‘भूल चूक माफ’ एक इमोशनल ड्रामा है। दोनों ही फिल्में कंटेंट के स्तर पर नई पेशकश नहीं दे पाईं। दर्शकों की पसंद अब और परिष्कृत हो गई है। केवल सितारों से काम नहीं चलता, कहानी भी उतनी ही मजबूत होनी चाहिए।

4. प्रतियोगिता का दबाव:

इन दोनों फिल्मों की रिलीज़ के समय कुछ हॉलीवुड और रीजनल फिल्मों ने भी अच्छा प्रदर्शन किया, जिसका असर इनके कलेक्शन पर पड़ा। ‘फ्यूरियस एक्स’ और ‘कंचना 4’ जैसे विकल्प दर्शकों को ज़्यादा आकर्षक लगे।


क्या इन फिल्मों के लिए अब भी कोई उम्मीद है?

1. ‘कराटे किड लीजेंड्स’ को मिल सकता है इंटरनेशनल सपोर्ट:

फिल्म की इंटरनेशनल अपील और कराटे किड ब्रह्मांड की फैन फॉलोइंग को देखते हुए यह फिल्म कुछ हद तक ओवरसीज़ बॉक्स ऑफिस में प्रदर्शन कर सकती है। साथ ही ओटीटी रिलीज़ के बाद इसे नई पहचान मिल सकती है।

2. ‘भूल चूक माफ’ को मिल सकता है वर्ड ऑफ माउथ का सहारा:

यदि फिल्म का कंटेंट वास्तव में भावनात्मक रूप से कनेक्ट करता है, तो यह धीरे-धीरे दर्शकों के बीच पकड़ बना सकती है। कई बार फिल्में धीमी शुरुआत के बाद अच्छा प्रदर्शन करती हैं—लेकिन इसके लिए कहानी में दम होना ज़रूरी है।


फिल्म इंडस्ट्री को क्या सबक मिलते हैं?

  • ब्रांड वैल्यू पर पूरी तरह निर्भर नहीं हो सकते।
    भले ही फिल्म किसी प्रसिद्ध फ्रैंचाइज़ी से जुड़ी हो, लेकिन यदि कंटेंट और कहानी कमजोर है, तो दर्शक उसे खारिज करने में देर नहीं लगाते।
  • आज का दर्शक समझदार है।
    उसे अब केवल बड़े स्टार्स और वीएफएक्स से नहीं बहलाया जा सकता। वह अब ऐसी कहानियां चाहता है जो दिल को छू जाएं या कुछ नया दिखाएं।
  • मल्टीप्लैटफॉर्म रणनीति ज़रूरी है।
    केवल सिनेमाघर तक सीमित रहकर अब फिल्में बड़ी नहीं बन सकतीं। प्रमोशन, सोशल मीडिया, इंटरव्यू और डिजिटल रणनीति भी उतनी ही अहम हो गई है।

निष्कर्ष

‘कराटे किड लीजेंड्स’ और ‘भूल चूक माफ’ जैसी फिल्में यह स्पष्ट कर रही हैं कि सिर्फ नाम और नॉस्टैल्जिया से फिल्म नहीं चलती। दर्शक अब कंटेंट को सबसे ऊपर रखते हैं। इन दोनों फिल्मों की बॉक्स ऑफिस पर धीमी शुरुआत यही दिखाती है कि अब समय आ गया है जब फिल्म निर्माताओं को दर्शकों की बदलती पसंद को गंभीरता से समझना होगा।

जब तक कहानियां दिल को न छूएं, तब तक दर्शक जेब से टिकट का पैसा खर्च करने के लिए तैयार नहीं होंगे। ऐसे में उम्मीद की जा सकती है कि आने वाले दिनों में दोनों फिल्में या तो बॉक्स ऑफिस पर नई रफ्तार पकड़ें या फिर ओटीटी पर अपनी जगह बनाएं।

Ashish
Ashishhttps://www.aajkinews27.com
Ashish is a passionate news writer with 3 years of experience covering politics, business, entertainment, sports, and the latest news. He delivers accurate and engaging content, keeping readers informed about current events. With a keen eye for detail, Ashish ensures every story is well-researched and impactful. Stay updated with his insightful news coverage.
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