Dharmendra was furious over Rajesh Khanna : बॉलीवुड के ‘हीमैन’ कहे जाने वाले धर्मेंद्र सिर्फ एक बेहतरीन अभिनेता ही नहीं, बल्कि एक संवेदनशील और जुनूनी कलाकार भी रहे हैं। उन्होंने अपने करियर में कई हिट फिल्में दीं और दर्शकों के दिलों में खास जगह बनाई। लेकिन एक वक्त ऐसा भी आया था जब उन्हें फिल्म ‘आनंद’ में काम करने की बेहद इच्छा थी, पर जब उन्हें इस फिल्म से बाहर कर दिया गया और उनकी जगह राजेश खन्ना को लिया गया, तो वे काफी नाराज हो गए थे। इस घटना से जुड़ी कहानी आज भी फिल्म इंडस्ट्री में अक्सर सुनाई जाती है।
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‘आनंद’ – एक अमर क्लासिक
साल 1971 में रिलीज़ हुई ऋषिकेश मुखर्जी द्वारा निर्देशित फिल्म ‘आनंद’ को आज भी हिंदी सिनेमा की सबसे बेहतरीन फिल्मों में गिना जाता है। फिल्म की कहानी एक कैंसर पीड़ित व्यक्ति आनंद सहगल (राजेश खन्ना) और डॉक्टर भास्कर (अमिताभ बच्चन) की दोस्ती पर आधारित थी। यह फिल्म न सिर्फ भावनात्मक रूप से लोगों को जोड़ती है बल्कि जीवन और मृत्यु के बीच के संघर्ष को भी बेहद खूबसूरती से दिखाती है।
धर्मेंद्र की ख्वाहिश थी ‘आनंद’ में काम करने की
धर्मेंद्र ने एक पुराने इंटरव्यू में इस बात का खुलासा किया था कि उन्होंने फिल्म ‘आनंद’ की स्क्रिप्ट सबसे पहले पढ़ी थी और उन्हें वह इतनी पसंद आई थी कि उन्होंने निर्देशक ऋषिकेश मुखर्जी से कहा था कि वे इस फिल्म में काम करना चाहते हैं। यहां तक कि उन्होंने स्क्रिप्ट को पढ़ते हुए भावुक होकर कहा था कि ये फिल्म वे किसी भी कीमत पर करना चाहते हैं।
धर्मेंद्र ने बताया कि जब उन्होंने ऋषिकेश मुखर्जी को यह स्क्रिप्ट सुनाई, तो उन्होंने जवाब में हां तो नहीं कहा, लेकिन मुस्कुरा भर दिए। धर्मेंद्र को लगा कि ये मुस्कान सहमति की है, लेकिन कुछ समय बाद उन्हें झटका लगा जब यह खबर आई कि फिल्म में राजेश खन्ना को कास्ट कर लिया गया है।
धर्मेंद्र का गुस्सा फूटा
धर्मेंद्र को जब यह पता चला कि फिल्म ‘आनंद’ में राजेश खन्ना को लिया गया है, तो वे काफी आहत और नाराज हो गए। उन्होंने एक इंटरव्यू में मजाकिया लेकिन गंभीर लहजे में कहा था, “ऋषिदा से मैंने कहा कि जब आप चैन की नींद सो रहे होंगे, तब याद रखिएगा कि आपने मुझसे एक बेहतरीन फिल्म छीन ली है।”
इस बात से साफ था कि धर्मेंद्र इस फिल्म को लेकर कितने गंभीर थे और इसका हिस्सा बनना उनके लिए कितना मायने रखता था। उन्होंने यह भी कहा था कि उन्होंने ऋषिकेश मुखर्जी से नाराजगी में कहा कि आपने मेरी नींद उड़ा दी है।
राजेश खन्ना की परफॉर्मेंस ने बना दी फिल्म अमर
हालांकि धर्मेंद्र फिल्म ‘आनंद’ में नहीं थे, लेकिन राजेश खन्ना ने जिस तरह से आनंद का किरदार निभाया, वह आज भी दर्शकों के दिलों में ज़िंदा है। उनके डायलॉग्स – “बाबूमोशाय, ज़िंदगी लंबी नहीं, बड़ी होनी चाहिए…” – आज भी लोगों को भावुक कर देते हैं। इस फिल्म ने राजेश खन्ना की लोकप्रियता को और ऊंचाई पर पहुंचाया और उन्हें ‘सुपरस्टार’ का दर्जा दिलाया।
धर्मेंद्र और ऋषिकेश मुखर्जी का रिश्ता
धर्मेंद्र और ऋषिकेश मुखर्जी के बीच अच्छी दोस्ती और पेशेवर समझदारी थी। ऋषिकेश मुखर्जी ने धर्मेंद्र के साथ ‘चुपके चुपके’ जैसी शानदार कॉमेडी फिल्म भी बनाई थी। हालांकि ‘आनंद’ को लेकर जो कड़वाहट थी, वह उस वक्त थोड़ी देर के लिए सामने आई, लेकिन धर्मेंद्र ने कभी भी इसका असर अपने रिश्ते पर नहीं पड़ने दिया।
धर्मेंद्र की ईमानदारी और भावनात्मकता
धर्मेंद्र हमेशा से ही बेहद ईमानदार और भावुक इंसान माने गए हैं। उन्होंने कभी अपनी भावनाओं को छिपाया नहीं और खुले तौर पर स्वीकार किया कि उन्हें ‘आनंद’ जैसी फिल्म का हिस्सा न बन पाने का अफसोस आज भी है। लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि राजेश खन्ना ने जो काम किया, वो बेमिसाल था और वे इस बात से खुश हैं कि फिल्म को इतनी सफलता मिली।
क्या होता अगर धर्मेंद्र होते ‘आनंद’ में?
यह सवाल आज भी कभी-कभी फिल्म प्रेमियों के बीच चर्चा का विषय बनता है कि अगर धर्मेंद्र फिल्म ‘आनंद’ में होते, तो फिल्म कैसी बनती? क्या वे राजेश खन्ना की तरह उस किरदार में जान डाल पाते? हालांकि धर्मेंद्र बेहतरीन अभिनेता हैं और उनके पास वो गहराई है, लेकिन यह भी सच है कि राजेश खन्ना की मासूम मुस्कान और संवाद अदायगी ने इस फिल्म को अमर बना दिया।
धर्मेंद्र का फिल्मी सफर
‘शोले’, ‘चुपके चुपके’, ‘सत्यकाम’, ‘धरम वीर’, ‘राजपूत’, ‘यादों की बारात’ जैसी अनगिनत सुपरहिट फिल्मों में काम कर चुके धर्मेंद्र ने हर किरदार को पूरी ईमानदारी से निभाया। उन्होंने रोमांस, एक्शन, ड्रामा और कॉमेडी हर शैली में अपनी छाप छोड़ी। उनकी ईमानदारी और अभिनय के प्रति समर्पण ने उन्हें लाखों लोगों का चहेता बना दिया।
निष्कर्ष
फिल्म ‘आनंद’ धर्मेंद्र के लिए एक छूटी हुई महान फिल्म भले रही हो, लेकिन उनके अभिनय का सफर इतना बड़ा और सफल रहा कि यह छोटी सी कसक उनकी चमक को कम नहीं कर पाई। राजेश खन्ना ने ‘आनंद’ को अमर बना दिया और धर्मेंद्र ने अपनी बेबाकी से यह जताया कि वे सिर्फ एक अभिनेता नहीं, बल्कि एक कलाकार हैं, जिनके लिए हर फिल्म एक भावनात्मक जुड़ाव होती है।