HDI 2025: India’s big jump in Human Development Index, 130th place among 193 countries | Improvement in education and economy : भारत ने मानव विकास सूचकांक (HDI) 2025 में उल्लेखनीय सुधार दर्ज करते हुए 193 देशों की सूची में 130वां स्थान प्राप्त किया है। यह देश के लिए न केवल एक सांख्यिकीय उपलब्धि है, बल्कि यह संकेत भी है कि शिक्षा, स्वास्थ्य, और आर्थिक विकास के मोर्चों पर भारत लगातार सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ रहा है।
इस रिपोर्ट को संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) द्वारा प्रकाशित किया गया है, जिसमें विश्व के सभी देशों को जीवन स्तर, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे बुनियादी मानकों पर आंका गया है। आइए विस्तार से जानते हैं कि मानव विकास सूचकांक क्या होता है, इसमें भारत का प्रदर्शन कैसा रहा, किन क्षेत्रों में बेहतरी आई और कौन-से क्षेत्र अभी भी सुधार की मांग कर रहे हैं।
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📊 मानव विकास सूचकांक (HDI) क्या है?
मानव विकास सूचकांक (HDI) एक ऐसी रिपोर्ट है जो यह बताती है कि किसी देश में नागरिकों की जीवन गुणवत्ता कितनी अच्छी है। यह सूचकांक तीन मुख्य आधारों पर तैयार किया जाता है:
- स्वास्थ्य – जीवन प्रत्याशा यानी औसतन कितने वर्षों तक कोई व्यक्ति जीवित रहता है।
- शिक्षा – औसत स्कूली शिक्षा और शिक्षा प्राप्ति की संभावित अवधि।
- आर्थिक स्थिति – प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय (GNI per capita)।
इन तीनों मापदंडों के आधार पर देशों को 0 से 1 के बीच एक स्कोर दिया जाता है और फिर उसी आधार पर वैश्विक रैंकिंग की जाती है।
🇮🇳 भारत की स्थिति: 2025 में 130वां स्थान
भारत ने HDI 2025 में 0.644 अंक के साथ 130वां स्थान प्राप्त किया है, जो पिछले वर्षों की तुलना में एक महत्वपूर्ण सुधार है। 2024 में भारत का स्थान 135वां था, जो बताता है कि भारत ने 5 अंकों की छलांग लगाई है।
भारत अब मध्यम मानव विकास श्रेणी में बना हुआ है, लेकिन इस बार के स्कोर में वृद्धि यह संकेत देती है कि देश उच्च श्रेणी की ओर बढ़ रहा है।
📚 शिक्षा क्षेत्र में सुधार
HDI 2025 रिपोर्ट के अनुसार, भारत में शिक्षा के क्षेत्र में सकारात्मक परिवर्तन हुए हैं। सरकार द्वारा चलाए गए कार्यक्रम जैसे:
- समग्र शिक्षा अभियान
- नई शिक्षा नीति 2020 का क्रियान्वयन
- डिजिटल एजुकेशन प्लेटफॉर्म (DIKSHA, SWAYAM)
इन सभी ने शिक्षा को सुलभ और समावेशी बनाया है। प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा तक पहुँच बढ़ी है और ग्रामीण क्षेत्रों में भी स्कूल ड्रॉपआउट दर में गिरावट आई है।
इसके अलावा, महिला शिक्षा के क्षेत्र में भी बेहतरी आई है, जिससे HDI स्कोर में योगदान मिला है।
💰 आर्थिक क्षेत्र में प्रगति
HDI 2025 रिपोर्ट में भारत की आर्थिक स्थिति में भी सुधार देखा गया है। प्रति व्यक्ति आय (Per Capita Income) में वृद्धि और गरीबी दर में गिरावट भारत के स्कोर में अहम भूमिका निभा रही है।
भारत की GDP विकास दर, स्टार्टअप इकोसिस्टम का विस्तार, और मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया जैसे अभियानों ने रोजगार के अवसर बढ़ाए हैं।
हालांकि, आय विषमता (Income Inequality) अब भी एक चुनौती बनी हुई है। देश के एक बड़े हिस्से को अब भी आर्थिक सुरक्षा की जरूरत है।
🏥 स्वास्थ्य सुविधाओं में हुई तरक्की
कोविड-19 महामारी के बाद भारत ने स्वास्थ्य क्षेत्र में कई सुधारात्मक कदम उठाए हैं। आयुष्मान भारत योजना, जन औषधि केंद्र, टीकाकरण अभियान, और टेलीमेडिसिन सेवाएं अब व्यापक रूप से लोगों को उपलब्ध हैं।
जीवन प्रत्याशा में भी वृद्धि देखी गई है, जो कि HDI के स्वास्थ्य मापदंड में एक सकारात्मक संकेत है।
हालांकि, ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता और पोषण के मुद्दे अब भी बड़ी चुनौतियां हैं।
🌍 वैश्विक तुलना: भारत कहां खड़ा है?
HDI 2025 की वैश्विक सूची में शीर्ष पर रहे देश:
- 1. स्विट्ज़रलैंड
- 2. नॉर्वे
- 3. आइसलैंड
- 4. हांगकांग
- 5. ऑस्ट्रेलिया
भारत का 130वां स्थान अभी भी चीन (82वां), श्रीलंका (78वां) और भूटान (120वां) से पीछे है, लेकिन पाकिस्तान (164वां), बांग्लादेश (135वां) और नेपाल (136वां) से आगे है।
इससे यह स्पष्ट होता है कि भारत ने एशियाई पड़ोसी देशों की तुलना में अच्छी प्रगति की है, लेकिन अभी भी विकसित देशों की तुलना में काफी पीछे है।
📌 भारत के सामने मौजूद चुनौतियाँ
भले ही HDI स्कोर में सुधार हुआ है, लेकिन कुछ क्षेत्रों में भारत को अभी भी मेहनत करनी होगी:
- गंभीर कुपोषण और बाल मृत्यु दर
- गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा की कमी
- शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के बीच अंतर
- लिंग असमानता
- जलवायु परिवर्तन और प्रदूषण का प्रभाव
इन मुद्दों पर केंद्र और राज्य सरकारों को मिलकर रणनीतिक ढंग से काम करने की आवश्यकता है।
🧭 आगे की दिशा: क्या है भारत का लक्ष्य?
भारत का अगला लक्ष्य मानव विकास सूचकांक में टॉप 100 में शामिल होना होना चाहिए। इसके लिए सरकार को निम्नलिखित क्षेत्रों पर ध्यान देना होगा:
- स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार और सशक्तिकरण
- स्कूल ड्रॉपआउट को शून्य करने की दिशा में प्रयास
- महिला सशक्तिकरण और रोजगार
- आर्थिक अवसरों का विकेन्द्रीकरण
- स्थायी विकास लक्ष्यों (SDGs) की दिशा में ठोस नीति बनाना
🗣️ विशेषज्ञों की राय
आर्थिक और सामाजिक मामलों के विशेषज्ञों का मानना है कि HDI में सुधार एक सकारात्मक संकेत है लेकिन इसे स्थायी बनाने के लिए सरकार को नीतिगत सुधारों को जमीन पर उतारना होगा।
एक शिक्षाविद् ने कहा:
“HDI में एक या दो साल की छलांग महत्वपूर्ण जरूर है, लेकिन दीर्घकालिक सफलता के लिए समान विकास और क्षेत्रीय असमानताओं को दूर करना आवश्यक है।”
📚 निष्कर्ष: HDI 2025 में भारत की छलांग उम्मीद की किरण
HDI 2025 में भारत की 130वीं रैंक यह बताती है कि देश धीरे-धीरे मानव विकास के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है। शिक्षा, स्वास्थ्य और आर्थिक मोर्चों पर सुधार की यह रफ्तार बनी रही तो अगले कुछ वर्षों में भारत निश्चित रूप से उच्च मानव विकास श्रेणी में पहुंच सकता है।
यह उपलब्धि सरकार, नीति निर्माताओं, समाज और प्रत्येक नागरिक के सामूहिक प्रयास का परिणाम है। अब जरूरत है इन प्रयासों को और सशक्त बनाने की, ताकि भारत सामाजिक-आर्थिक समृद्धि की दिशा में एक नई ऊंचाई पर पहुंच सके।