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हाउस अरेस्ट वेब सीरीज विवाद: अश्लील कंटेंट को लेकर NCW ने एजाज खान को भेजा समन, उल्लू ऐप पर भी उठे सवाल

House Arrest web series controversy: NCW summons Ajaz Khan over obscene content, questions raised on Ullu app too : देश में वेब सीरीज की लोकप्रियता जितनी तेजी से बढ़ रही है, उतनी ही तेजी से इसके कंटेंट को लेकर विवाद भी सामने आ रहे हैं। हाल ही में ‘हाउस अरेस्ट’ वेब सीरीज को लेकर बड़ा बवाल खड़ा हो गया है। इस सीरीज में दिखाए गए अश्लील दृश्यों और महिलाओं के प्रति आपत्तिजनक प्रस्तुतियों को लेकर राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने कड़ा रुख अपनाया है। आयोग ने वेब सीरीज में काम करने वाले अभिनेता एजाज खान को समन भेजा है और उन्हें व्यक्तिगत रूप से पेश होने को कहा है।

साथ ही ओटीटी प्लेटफॉर्म ‘उल्लू ऐप’ की भी तीखी आलोचना की गई है, जिस पर यह सीरीज प्रसारित की गई है। आइए इस पूरे मामले को विस्तार से समझते हैं।


🔹 क्या है ‘हाउस अरेस्ट’ वेब सीरीज विवाद?

हाउस अरेस्ट’ एक वेब सीरीज है जो उल्लू ऐप पर रिलीज की गई थी। यह सीरीज शुरुआत से ही अपनी बोल्ड थीम और अश्लील दृश्यों की वजह से सुर्खियों में रही। सोशल मीडिया पर दर्शकों ने इसे लेकर नाराजगी जताई और आरोप लगाया कि इसमें महिलाओं को एक वस्तु के रूप में पेश किया गया है और उनकी गरिमा को ठेस पहुंचाई गई है।

बढ़ते विरोध को देखते हुए NCW की चेयरपर्सन रेखा शर्मा ने इस मुद्दे पर संज्ञान लिया और न केवल सीरीज को लेकर प्रतिक्रिया दी, बल्कि उल्लू ऐप और इससे जुड़े प्रमुख कलाकारों को नोटिस भेजे।


🔹 NCW ने एजाज खान को भेजा समन

NCW ने अभिनेता एजाज खान को 8 मई को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने के लिए समन भेजा है। आयोग का कहना है कि उन्हें वेब सीरीज में अपनी भूमिका और अश्लील कंटेंट को लेकर जवाब देना होगा।

राष्ट्रीय महिला आयोग का यह कदम यह दर्शाता है कि अब वेब कंटेंट की नैतिक और सामाजिक जिम्मेदारियों को लेकर भी कड़ाई से निगरानी की जा रही है।


🔹 उल्लू ऐप पर उठे गंभीर सवाल

उल्लू ऐप पिछले कुछ समय से ऐसे ही बोल्ड और अश्लील कंटेंट को प्रमोट करने के लिए बदनाम रहा है। हालांकि कुछ दर्शक इसे एंटरटेनमेंट मानते हैं, लेकिन महिलाओं की गरिमा और समाजिक मूल्यों के लिहाज से यह गंभीर चिंता का विषय बनता जा रहा है।

NCW ने प्लेटफॉर्म से यह भी पूछा है कि क्या उन्होंने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के दिशा-निर्देशों का पालन किया है या नहीं।


🔹 ओटीटी प्लेटफॉर्म्स और सेंसरशिप का मुद्दा

ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को अब तक सिनेमाई सेंसर बोर्ड की तरह सख्त नियमों का सामना नहीं करना पड़ता था, लेकिन हाल के वर्षों में बढ़ते विवादों के चलते सरकार ने ओटीटी कंटेंट पर रेगुलेशन की दिशा में कदम उठाए हैं।

‘हाउस अरेस्ट’ जैसे विवादों के बाद यह बहस और तेज हो गई है कि क्या अब वेब सीरीज के लिए भी सेंसरशिप लागू होनी चाहिए? जहां एक तरफ क्रिएटिव फ्रीडम की बात होती है, वहीं दूसरी ओर सामाजिक मर्यादाओं और संवेदनशीलता की भी आवश्यकता है।


🔹 सोशल मीडिया पर जनता की तीखी प्रतिक्रिया

‘हाउस अरेस्ट’ सीरीज को लेकर ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफॉर्म्स पर जबरदस्त विरोध देखने को मिला। यूजर्स ने उल्लू ऐप को बैन करने की मांग की और लिखा कि यह प्लेटफॉर्म केवल अश्लीलता परोसने का माध्यम बन चुका है।

कुछ यूजर्स ने कहा कि एजाज खान जैसे कलाकार को ऐसे प्रोजेक्ट्स का हिस्सा नहीं बनना चाहिए, जो समाज में गलत संदेश फैलाते हैं।


🔹 एजाज खान की प्रतिक्रिया का इंतजार

अब तक एजाज खान की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। लेकिन उन्हें NCW के सामने पेश होकर अपनी बात रखनी होगी। यह देखना दिलचस्प होगा कि वे इस पूरे विवाद पर क्या सफाई देते हैं।


🔹 महिला आयोग का कड़ा संदेश

NCW की चेयरपर्सन रेखा शर्मा ने स्पष्ट रूप से कहा है कि वेब सीरीज के नाम पर महिलाओं को अपमानित करने की इजाजत किसी को नहीं दी जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि आयोग ऐसे हर कंटेंट के खिलाफ कार्रवाई करेगा जो महिलाओं की गरिमा को ठेस पहुंचाए

उनका यह बयान आने वाले समय में ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर लगाम लगाने का संकेत देता है।


🔹 भविष्य में क्या होंगे इसके असर?

  • वेब सीरीज निर्माता अब कंटेंट की समीक्षा और नैतिक जिम्मेदारी को गंभीरता से लेंगे।
  • उल्लू जैसे ऐप्स पर सरकार की नजर और सख्त हो सकती है।
  • कलाकार अब अपनी भूमिकाओं के चुनाव में और सतर्क होंगे।
  • दर्शकों को अश्लीलता की जगह सार्थक मनोरंजन की तरफ प्रेरित किया जाएगा।

🔹 निष्कर्ष: क्रिएटिव फ्रीडम बनाम सामाजिक जिम्मेदारी

‘हाउस अरेस्ट’ विवाद ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को पूरी आज़ादी मिलनी चाहिए या उन पर भी नैतिक और कानूनी सीमाएं लागू होनी चाहिए?

जहां एक ओर रचनात्मकता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता जरूरी है, वहीं दूसरी ओर समाज की संवेदनशीलता और महिलाओं की गरिमा की रक्षा भी उतनी ही महत्वपूर्ण है।

इस प्रकरण ने यह साबित कर दिया है कि अब सरकारी एजेंसियां और सामाजिक संस्थाएं वेब कंटेंट पर भी नजर रख रही हैं, और यह बदलाव जिम्मेदार मीडिया की दिशा में एक सकारात्मक कदम हो सकता है।

Ashish
Ashishhttps://www.aajkinews27.com
Ashish is a passionate news writer with 3 years of experience covering politics, business, entertainment, sports, and the latest news. He delivers accurate and engaging content, keeping readers informed about current events. With a keen eye for detail, Ashish ensures every story is well-researched and impactful. Stay updated with his insightful news coverage.
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