Kuberaa : तेलुगु सिनेमा के लोकप्रिय अभिनेता दनुष इन दिनों अपनी आने वाली फिल्म ‘कुबेरा’ (Kuberaa) को लेकर चर्चा में हैं। इस फिल्म का निर्देशन सेखर कम्मुला कर रहे हैं, और इसमें दनुष के साथ-साथ रश्मिका मंदाना और नागार्जुन भी अहम भूमिकाओं में नजर आएंगे। लेकिन हाल ही में फिल्म से जुड़ी एक ऐसी घटना सामने आई जिसने न सिर्फ फैन्स को भावुक कर दिया बल्कि खुद अभिनेता दनुष भी अपने जज़्बातों को रोक नहीं पाए।
दरअसल, फिल्म के एक अहम सीन की शूटिंग एक डंपयार्ड (कूड़ा डंप) में की गई। यह लोकेशन सामान्य फिल्मी सेट से बिल्कुल अलग और असली परिस्थितियों से भरपूर था। इसी दौरान दनुष का एक बयान सामने आया, जिसमें उन्होंने कहा — “मेरे लिए यह खास था, मैं वहीं से आया हूं।”
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डंपयार्ड में शूटिंग का भावुक अनुभव
फिल्म की टीम ने इस सीन के लिए किसी कृत्रिम सेट का इस्तेमाल नहीं किया बल्कि वास्तविक डंपयार्ड में जाकर शूट किया। जब दनुष वहां पहुंचे तो उन्हें अपने पुराने दिन याद आ गए। कूड़े के ढेर, गंदगी और दुर्गंध के बीच शूटिंग करना जहां एक तरफ मुश्किल था, वहीं दूसरी ओर दनुष के लिए यह एक आत्मिक अनुभव बन गया।
उन्होंने बताया कि यह जगह उन्हें उनके संघर्ष के दिनों की याद दिलाती है। उन्होंने आगे कहा:
“मैं जब इस इंडस्ट्री में आया था, तब मेरे पास कुछ खास नहीं था। जीवन की कठिनाइयों को बहुत करीब से देखा है। इस डंपयार्ड में शूट करते वक्त ऐसा लगा जैसे मैं अपने अतीत से मिल रहा हूं।”
रश्मिका मंदाना की प्रतिक्रिया
फिल्म में दनुष के साथ काम कर रहीं अभिनेत्री रश्मिका मंदाना ने भी इस अनुभव को बेहद खास बताया। उन्होंने कहा:
“मैंने पहले कभी इतने रियल लोकेशन पर शूट नहीं किया था। जब हम वहां पहुंचे तो एकदम सन्नाटा, बदबू और असुविधा का माहौल था। लेकिन यह सब फिल्म की कहानी के लिए जरूरी था।”
रश्मिका ने यह भी कहा कि ऐसे दृश्यों को शूट करना मानसिक रूप से चुनौतीपूर्ण था, लेकिन इससे उन्हें समाज के उस तबके की सच्चाई समझ में आई जिनकी जिंदगी इसी तरह की कठिनाइयों से भरी होती है।
निर्देशक का उद्देश्य
निर्देशक सेखर कम्मुला हमेशा से सामाजिक मुद्दों और यथार्थवादी सिनेमा के लिए पहचाने जाते हैं। उन्होंने इस सीन को असली लोकेशन पर शूट करने का निर्णय इसलिए लिया ताकि दर्शकों को एक सच्ची और गहरी कहानी से जोड़ा जा सके।
उनका मानना है कि जब कलाकार वास्तविक जीवन से जुड़े वातावरण में काम करते हैं, तो उनकी परफॉर्मेंस में एक अलग ही असर और ईमानदारी नजर आती है।
फिल्म की थीम और कहानी
‘कुबेरा’ एक सोशल ड्रामा है जो आम इंसान के संघर्ष, गरीबी, और आत्मसम्मान जैसे विषयों को छूती है। दनुष का किरदार एक ऐसे शख्स का है जो जीवन में कई मुश्किलों से लड़ता है लेकिन कभी हार नहीं मानता। फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे एक आम आदमी समाज के दबावों के बीच अपनी पहचान बनाता है।
अभिनेता की आत्मीयता
दनुष हमेशा से ऐसे किरदार निभाते रहे हैं जो आम जनता से जुड़ाव रखते हैं। इस फिल्म में भी उन्होंने उस व्यक्ति की भूमिका निभाई है जो कूड़ा बीनने वाले लोगों की जिंदगी के बेहद करीब है। जब वे डंपयार्ड में शूटिंग कर रहे थे, तब उन्होंने वहां काम कर रहे असली मजदूरों से भी बातचीत की और उनकी जिंदगी के अनुभवों को सुना।
इस दौरान वे भावुक हो गए और बोले:
“मैं जानता हूं ये संघर्ष क्या होता है। क्योंकि मैंने भी अपना सफर वहीं से शुरू किया है। इसलिए यह सीन मेरे लिए सिर्फ एक अभिनय नहीं था, बल्कि मेरे जीवन की सच्चाई से जुड़ा एक पल था।”
दर्शकों की प्रतिक्रिया
सोशल मीडिया पर जैसे ही यह खबर फैली कि दनुष ने डंपयार्ड में शूटिंग के दौरान ऐसा बयान दिया है, फैन्स ने उनकी ईमानदारी और संवेदनशीलता की खूब सराहना की। कई लोगों ने लिखा कि यह एक सच्चे कलाकार की पहचान है कि वह अपने अतीत को कभी नहीं भूलता।
टीम की मेहनत
डंपयार्ड में शूट करना फिल्म यूनिट के लिए भी आसान नहीं था। वहां की बदबू, अस्वच्छ माहौल और गर्मी ने सभी को परेशान किया। लेकिन सबने मिलकर उस सीन को पूरी निष्ठा से शूट किया, ताकि कहानी में वास्तविकता बनी रहे।
निष्कर्ष
‘कुबेरा’ सिर्फ एक फिल्म नहीं बल्कि एक भावनात्मक यात्रा है। यह हमें उन लोगों की जिंदगी दिखाती है जिन्हें हम अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं। फिल्म में डंपयार्ड का सीन सिर्फ एक लोकेशन नहीं, बल्कि संघर्ष, आत्मसम्मान और इंसानियत की प्रतीक है।
दनुष का यह बयान — “मैं वहीं से आया हूं”, दर्शाता है कि एक सच्चा कलाकार कभी अपने अतीत को नहीं भूलता। उनके लिए अभिनय सिर्फ पर्दे पर दिखाने की चीज नहीं, बल्कि एक भावनात्मक जिम्मेदारी है।
अब जब फिल्म रिलीज़ के करीब है, तो दर्शकों को इस सीन का इंतजार है, क्योंकि यह सीन न केवल फिल्म का महत्वपूर्ण हिस्सा है बल्कि कलाकार की आत्मा से जुड़ा अनुभव भी है।