फेसबुक पर नकली निवेश स्कैम की बाढ़, Meta ने उठाया कड़ा कदम
Meta’s big action: 23,000 Facebook pages involved in investment scam banned in one month : दुनिया की जानी-मानी टेक कंपनी Meta (फेसबुक की पेरेंट कंपनी) ने हाल ही में एक बड़ा और सख्त कदम उठाते हुए 23,000 से ज्यादा फेसबुक पेज और अकाउंट्स पर बैन लगा दिया है। ये सभी पेज और अकाउंट कथित तौर पर नकली निवेश योजनाओं और ऑनलाइन स्कैम में शामिल थे, जिनका मकसद लोगों को धोखा देना और उनकी मेहनत की कमाई लूटना था।
यह कार्रवाई Meta ने केवल एक महीने की अवधि में की है, जो बताता है कि नकली निवेश स्कैम कितनी तेजी से फैल रहे हैं और टेक कंपनियां इसे रोकने के लिए अब एक्टिव हो गई हैं।
Meta ने क्यों उठाया इतना बड़ा कदम?
Meta के अनुसार, पिछले कुछ महीनों में उसने फेसबुक और इंस्टाग्राम पर उन पेजों और प्रोफाइल्स की बढ़ती संख्या देखी, जो आम लोगों को झूठे निवेश वादों के जरिए धोखा दे रहे थे। ये पेज ऐसी पोस्ट और एड्स चला रहे थे, जिनमें दावा किया गया था कि कम समय में ज्यादा मुनाफा मिलेगा।
इन पोस्ट में आमतौर पर सेलिब्रिटी फोटोज, झूठे न्यूज हेडलाइंस, और फर्जी समाचार लेखों का इस्तेमाल किया गया था ताकि लोगों को विश्वास दिलाया जा सके। Meta ने ऐसे पेजों को “कोऑर्डिनेटेड इनऑथेंटिक बिहेवियर” (CIB) के तहत पहचान कर कार्रवाई की।
क्या होता है Coordinated Inauthentic Behavior (CIB)?
CIB का मतलब है जब कुछ पेज, ग्रुप और प्रोफाइल एक साथ मिलकर गैर-जवाबदेह तरीके से किसी प्रचार, एजेंडा या स्कैम को बढ़ावा देते हैं और ऐसा दिखाने की कोशिश करते हैं कि ये असली और स्वतंत्र स्रोत हैं।
Meta ने बताया कि यह नेटवर्क सेंट्रल यूरोप, दक्षिण एशिया और अफ्रीका जैसे क्षेत्रों से संचालित हो रहा था और इसका उद्देश्य निवेश के नाम पर लोगों से पैसे ठगना था।
कैसे काम करता था यह निवेश स्कैम?
इन फर्जी फेसबुक पेजों का काम बहुत सटीक ढंग से योजनाबद्ध था। ये पेज एक सामान्य समाचार चैनल या बिजनेस पोर्टल की तरह दिखते थे। फिर वे अपने पोस्ट्स में यह दिखाते थे कि किसी मशहूर सेलिब्रिटी (जैसे कोई एक्टर, क्रिकेटर या बिजनेस आइकन) ने किसी खास निवेश योजना में पैसा लगाया और कुछ ही दिनों में करोड़पति बन गया।
उदाहरण के तौर पर:
- “देखिए कैसे एक छोटे शहर के लड़के ने इस नए प्लेटफॉर्म से करोड़ों कमाए”
- “अमिताभ बच्चन ने इस क्रिप्टो स्कीम में किया निवेश – जानिए कैसे आप भी कमा सकते हैं”
इन स्कैम पोस्ट्स में दिए गए लिंक पर क्लिक करने पर यूजर्स को ऐसे पेज पर ले जाया जाता, जहां उन्हें अपने पर्सनल डिटेल्स और बैंक की जानकारी भरनी होती। इसके बाद स्कैमर्स पैसे निकाल लेते या यूजर को फर्जी कॉल्स करके ठगी करते।
बड़ी संख्या में प्रभावित हुए लोग
Meta ने स्पष्ट किया कि ये स्कैमर्स सैकड़ों नहीं, बल्कि लाखों लोगों तक पहुंच बना चुके थे। उनके फेसबुक विज्ञापनों और पोस्ट्स पर भारी मात्रा में क्लिक और शेयर हो रहे थे, जिससे यह पता चलता है कि कितने लोग इन फर्जी योजनाओं के जाल में फंसे।
कुछ देशों में तो ऐसे मामलों की जांच सरकारों ने भी शुरू कर दी है। भारत में भी कई लोगों ने साइबर क्राइम पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई है।
Meta ने कैसे किया स्कैम का पता?
Meta की सिक्योरिटी टीम लगातार AI और मैनुअल रिव्यू के माध्यम से संदिग्ध गतिविधियों की पहचान करती है। जैसे ही उन्हें यह पता चला कि एक जैसा कंटेंट बार-बार पोस्ट किया जा रहा है, जिसमें एक ही पैटर्न दिख रहा है – झूठी न्यूज, सेलिब्रिटी चेहरा और नकली कमाई का दावा – तो उन्होंने गहन जांच शुरू की।
Meta की रिपोर्ट के अनुसार:
- 23,000 फेसबुक पेज और अकाउंट्स बैन किए गए
- 1,500 से ज्यादा विज्ञापन हटाए गए
- सैकड़ों इंस्टाग्राम प्रोफाइल्स को भी डिएक्टिवेट किया गया
क्या कहा Meta ने आधिकारिक बयान में?
Meta ने अपने आधिकारिक बयान में कहा,
“हम किसी भी प्रकार के झूठे प्रचार और निवेश स्कैम को बर्दाश्त नहीं करते। हम तकनीकी रूप से सशक्त और वैश्विक नेटवर्क की सहायता से फर्जी पेजों, ग्रुप्स और प्रोफाइल्स की पहचान कर रहे हैं और उन्हें खत्म कर रहे हैं। हमारी प्राथमिकता यूजर्स की सुरक्षा और प्लेटफॉर्म की विश्वसनीयता बनाए रखना है।”
यूजर्स को सावधान रहने की सलाह
Meta ने आम उपयोगकर्ताओं से भी अनुरोध किया है कि वे किसी भी प्रकार के ‘तेजी से अमीर बनने वाली स्कीम’ या ‘सेलिब्रिटी से जुड़ी निवेश योजनाओं’ पर आंख बंद करके भरोसा न करें। साथ ही किसी अज्ञात लिंक पर क्लिक करने से बचें और अपनी निजी जानकारी (जैसे OTP, बैंक डिटेल्स आदि) किसी के साथ साझा न करें।
अगर कोई स्कैम से जुड़ी गतिविधि दिखाई दे तो:
- उसे रिपोर्ट करें
- दूसरों को चेतावनी दें
- स्थानीय साइबर क्राइम विभाग से संपर्क करें
क्या भविष्य में खत्म हो पाएंगे ऐसे स्कैम?
हालांकि Meta जैसी कंपनियां लगातार ऐसे नेटवर्क्स को खत्म करने में लगी हैं, लेकिन स्कैमर्स भी अपनी तकनीक और तरीकों को बदलते रहते हैं। इसलिए केवल कंपनियों की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि यूजर्स की जागरूकता भी बेहद जरूरी है।
निष्कर्ष: सुरक्षित इंटरनेट की दिशा में Meta का बड़ा कदम
Meta का यह एक्शन निश्चित ही एक सकारात्मक कदम है। 23,000 फर्जी फेसबुक पेज और अकाउंट्स को हटाकर कंपनी ने यह साबित किया है कि वह यूजर्स की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है। अब समय है कि यूजर्स भी सतर्क और जागरूक रहें, ताकि भविष्य में ऐसे निवेश घोटालों का शिकार न बनें।