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Aamir Khan: आमिर नहीं, ये कलाकार करने वाले थे ‘सितारे ज़मीन पर’ में लीड रोल, मिस्टर परफेक्शनिस्ट ने किया खुलासा

Sitare Zameen Par : बॉलीवुड में मिस्टर परफेक्शनिस्ट के नाम से मशहूर आमिर खान अपनी फिल्मों के चुनाव और अदाकारी को लेकर हमेशा चर्चा में रहते हैं। उन्होंने कई ऐसी फिल्में दी हैं जो न सिर्फ बॉक्स ऑफिस पर सफल रहीं, बल्कि दर्शकों के दिलों में भी गहराई से उतर गईं। इन्हीं में से एक है साल 2007 में आई फिल्म ‘तारे ज़मीन पर’, जिसने बच्चों की मानसिकता, उनकी शिक्षा से जुड़ी समस्याओं और पैरेंट्स की सोच पर गहरा प्रभाव डाला था।

हाल ही में एक इंटरव्यू में आमिर खान ने खुलासा किया कि ‘तारे ज़मीन पर’ में वह लीड रोल करने वाले पहले कलाकार नहीं थे। उन्होंने बताया कि यह फिल्म पहले किसी और एक्टर को ऑफर की गई थी और आमिर का इसमें अभिनय करने का फैसला आखिरी वक्त में हुआ।

आइए जानते हैं कि आमिर ने यह खुलासा किसके बारे में किया, और कैसे यह फिल्म उनकी सबसे यादगार फिल्मों में से एक बन गई।


‘तारे ज़मीन पर’ की पृष्ठभूमि

साल 2007 में रिलीज हुई ‘तारे ज़मीन पर’ एक ऐसी फिल्म थी जिसने समाज में बच्चों के प्रति नजरिए को बदलने का काम किया। फिल्म का केंद्र एक 8 वर्षीय बच्चा ईशान अवस्थी था, जो डिस्लेक्सिया नामक सीखने की बीमारी से जूझ रहा था। लोग उसे आलसी और ग़ैरज़िम्मेदार समझते थे, लेकिन उसके अंदर कला की अनोखी प्रतिभा थी।

इस फिल्म में आमिर खान ने ईशान के आर्ट टीचर राम शंकर निकुंभ का किरदार निभाया था, जो बच्चे की खासियत को पहचानता है और उसे समाज के नजरिए से बाहर लाकर एक नई उड़ान देता है। यह फिल्म न केवल एक सामाजिक संदेश देती है बल्कि दर्शकों को भावनाओं के समुद्र में भी बहा ले जाती है।


किसे ऑफर हुआ था राम शंकर निकुंभ का किरदार?

हाल ही में एक चैट शो के दौरान आमिर खान से जब ‘तारे ज़मीन पर’ के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने बताया कि इस फिल्म में राम शंकर निकुंभ का किरदार पहले उन्हें नहीं बल्कि शाहरुख खान को ऑफर किया गया था। आमिर ने कहा:

“डायरेक्टर अमोल गुप्ते ने शुरुआत में इस फिल्म को लेकर शाहरुख खान से संपर्क किया था। वह इस प्रोजेक्ट का हिस्सा बन सकते थे, लेकिन किसी कारणवश बात नहीं बन सकी।”

आमिर ने आगे यह भी कहा कि उस वक्त वह सिर्फ इस फिल्म को प्रोड्यूस कर रहे थे और एक्टिंग के लिए उन्होंने खुद को नहीं सोचा था। लेकिन जब शाहरुख खान ने फिल्म से मना कर दिया, तब उन्होंने खुद राम शंकर निकुंभ का रोल करने का फैसला लिया।


क्यों नहीं किया शाहरुख खान ने फिल्म?

हालांकि आमिर खान ने शाहरुख खान का नाम बहुत सम्मान के साथ लिया, लेकिन यह साफ किया कि उस वक्त शायद शाहरुख किसी और प्रोजेक्ट में व्यस्त थे या फिर स्क्रिप्ट से भावनात्मक रूप से उतना जुड़ाव महसूस नहीं कर पाए।

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो शाहरुख खान ने स्क्रिप्ट की तारीफ की थी, लेकिन उन्होंने कहा था कि यह फिल्म एक बच्चे के नजरिए से है और वह खुद उस वक्त कुछ अलग तरह की फिल्मों पर काम कर रहे थे।


आमिर खान ने क्यों चुना यह किरदार?

जब आमिर खान को एहसास हुआ कि यह फिल्म सिर्फ एक निर्माता के तौर पर नहीं, बल्कि एक कलाकार के तौर पर भी उनकी मौजूदगी की मांग कर रही है, तब उन्होंने खुद को इसके लिए तैयार किया।

उन्होंने बताया:

“यह कहानी मेरे दिल को छू गई थी। मैंने खुद को उस बच्चे के साथ जुड़ा हुआ महसूस किया। मुझे लगा कि अगर मैं इस किरदार को निभाता हूं, तो शायद मैं उसके संघर्ष को और बेहतर तरीके से दर्शा पाऊंगा।”

इस फिल्म का निर्देशन पहले अमोल गुप्ते कर रहे थे, लेकिन बाद में आपसी सहमति से निर्देशन की जिम्मेदारी खुद आमिर खान ने संभाल ली।


फिल्म की सफलता और प्रभाव

‘तारे ज़मीन पर’ को क्रिटिक्स और दर्शकों ने एकसमान सराहा। यह फिल्म न केवल भारत में, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चा का विषय बनी। फिल्म ने बच्चों के व्यवहार, उनकी मानसिक स्थिति और अभिभावकों की अपेक्षाओं को नए दृष्टिकोण से दिखाया।

यह फिल्म आज भी स्कूलों में, पेरेंटिंग सेमिनारों में और मनोविज्ञान के अध्यापनों में उदाहरण के रूप में उपयोग की जाती है।


दर्शकों की भावनात्मक प्रतिक्रिया

फिल्म के रिलीज होते ही हर उम्र के दर्शकों की आंखें नम हो गई थीं। ईशान अवस्थी के किरदार को निभाने वाले दर्शील सफारी की मासूमियत और आमिर खान के किरदार की समझदारी ने लोगों का दिल छू लिया।

बहुत से माता-पिता ने इस फिल्म के बाद अपने बच्चों को देखने का नजरिया बदला। सोशल मीडिया पर आज भी इस फिल्म के डायलॉग्स, सीन और गाने वायरल होते रहते हैं।


आमिर खान की खासियत

आमिर खान को ‘मिस्टर परफेक्शनिस्ट’ ऐसे ही नहीं कहा जाता। वह फिल्मों के लिए अपने हर फैसले को बहुत सोच-समझ कर लेते हैं। ‘तारे ज़मीन पर’ के दौरान उन्होंने स्क्रिप्ट को न केवल समझा, बल्कि उसकी आत्मा को आत्मसात किया।

उन्होंने फिल्म के सेट पर बच्चों के साथ समय बिताया, उनकी मानसिकता को समझा और निर्देशक की भूमिका में भी खुद को साबित किया।


अगर शाहरुख होते तो?

इस सवाल पर आमिर खान ने बहुत विनम्रता से कहा:

“अगर शाहरुख इस फिल्म का हिस्सा होते, तो शायद वो भी इसे बहुत सुंदर तरीके से निभाते। वह बहुत अच्छे अभिनेता हैं। लेकिन शायद यह फिल्म मुझे ही करनी थी। कुछ फिल्में तय होती हैं कि उन्हें कौन करेगा।”

इस बात को फैंस ने भी बहुत सकारात्मक रूप से लिया। शाहरुख खान और आमिर खान दोनों के फैन क्लब्स में भी इसे लेकर रोचक चर्चाएं होती रही हैं।


निष्कर्ष

‘तारे ज़मीन पर’ केवल एक फिल्म नहीं, बल्कि एक आंदोलन थी। आमिर खान का इस फिल्म में होना या न होना, इसकी आत्मा को बदल सकता था। हालांकि शाहरुख खान इस फिल्म का हिस्सा नहीं बन पाए, लेकिन आमिर खान के अभिनय और निर्देशन ने इसे क्लासिक बना दिया।

Ashish
Ashishhttps://www.aajkinews27.com
Ashish is a passionate news writer with 3 years of experience covering politics, business, entertainment, sports, and the latest news. He delivers accurate and engaging content, keeping readers informed about current events. With a keen eye for detail, Ashish ensures every story is well-researched and impactful. Stay updated with his insightful news coverage.
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