Sooraj Pancholi : बॉलीवुड अभिनेता सूरज पंचोली का नाम जब भी लिया जाता है, तो उनके करियर से ज्यादा उनकी निजी जिंदगी और विवादों की चर्चा होती है। जिया खान आत्महत्या मामले में फंसे सूरज पंचोली को एक लम्बे समय तक कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ी। इस दौरान उन्होंने न सिर्फ मानसिक और भावनात्मक तनाव झेला, बल्कि उन्हें इंडस्ट्री से भी वैसा सपोर्ट नहीं मिला जैसा आमतौर पर स्टार किड्स को मिलता है। आइए जानते हैं कि सूरज पंचोली ने खुद क्या वजह बताई इंडस्ट्री से न मिलने वाले इस सपोर्ट की।
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शुरुआती करियर और विवाद की छाया
सूरज पंचोली ने सलमान खान के प्रोडक्शन तले फिल्म ‘हीरो’ से 2015 में डेब्यू किया था। हालांकि फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर खास प्रदर्शन नहीं किया, लेकिन सूरज की पहचान बनने लगी थी। तभी उनके जीवन में तूफान आया, जब उन्हें अभिनेत्री जिया खान की आत्महत्या के मामले में आरोपी बनाया गया।
इस केस ने न केवल उनके करियर को रोक दिया, बल्कि उनकी छवि को भी बुरी तरह प्रभावित किया। मीडिया ट्रायल और सोशल मीडिया पर हो रही आलोचना ने सूरज को अंदर तक झकझोर कर रख दिया।
इंडस्ट्री से दूरी और काम की कमी
सूरज पंचोली ने खुद बताया कि जब वे किसी निर्देशक या निर्माता से मिलने जाते थे, तो सबसे पहला सवाल यही पूछा जाता था कि केस का क्या स्टेटस है। लोग उनके साथ जुड़ने से डरते थे क्योंकि उनके ऊपर कानूनी मामला चल रहा था।
उन्होंने कहा, “कोई भी मेरे साथ काम करना नहीं चाहता था क्योंकि सबको लगता था कि मैं कंट्रोवर्सी लेकर आता हूं। इंडस्ट्री में लोग रिस्क नहीं लेना चाहते।”
यह स्थिति उस समय और भी अजीब हो गई जब लोग उन्हें स्टार किड कहते थे, लेकिन उन्हें स्टार किड होने का कोई फायदा नहीं मिला।
मानसिक दबाव और अकेलापन
सूरज ने यह भी साझा किया कि इस केस के चलते उन्हें मानसिक रूप से बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ा। वे कहते हैं कि उन्होंने खुद को “फंसा हुआ” और “अकेला” महसूस किया। उन्होंने बताया कि लोग उन्हें आतंकवादी की तरह ट्रीट करते थे, जैसे उन्होंने कोई बहुत बड़ा अपराध कर दिया हो।
उन्होंने यह भी बताया कि कई बार उन्हें लगने लगा था कि उनकी जिंदगी खत्म हो चुकी है, और वे डिप्रेशन में चले गए थे। ऐसे समय में उनके परिवार – खासकर उनकी मां ज़रीना वहाब और बहन – ने उनका साथ दिया।
इंडस्ट्री से मिला सीमित सपोर्ट
जहां एक तरफ इंडस्ट्री के ज़्यादातर लोग सूरज से दूरी बनाए हुए थे, वहीं कुछ ऐसे लोग भी थे जिन्होंने उनका मनोबल बढ़ाया। सलमान खान ने उन्हें लॉन्च किया था और मुश्किल समय में उनका साथ भी दिया। इसके अलावा सुनील शेट्टी, भूषण कुमार, रेमो डिसूजा जैसे कुछ लोगों ने उन्हें भरोसा दिलाया, लेकिन ये साथ सीमित और सतही ही रहा।
सूरज कहते हैं, “लोगों ने सपोर्ट तो किया, लेकिन जब काम की बात आई तो सभी ने दूरी बना ली।”
क्लीन चिट के बाद भी मुश्किलें
2023 में सूरज पंचोली को कोर्ट से क्लीन चिट मिल गई। कोर्ट ने उन्हें जिया खान आत्महत्या मामले में दोषी नहीं माना। इस फैसले के बाद उन्होंने राहत की सांस ली, लेकिन उनका कहना है कि क्लीन चिट मिलने के बाद भी इंडस्ट्री उन्हें पूरी तरह से स्वीकार नहीं कर पा रही है।
उनका मानना है कि एक बार जो छवि लोगों के दिमाग में बन जाती है, उसे मिटाना आसान नहीं होता। वे कहते हैं, “अब भी मुझे बहुत ज्यादा फिल्में ऑफर नहीं हो रहीं। लोग अब भी संदेह की नजर से देखते हैं।”
वापसी की कोशिश
सूरज पंचोली अब अपने करियर को एक नई दिशा देना चाहते हैं। वे चाहते हैं कि लोग अब उन्हें उनके काम से पहचाने, न कि उनके अतीत से। उन्होंने बताया कि अब वे वेब सीरीज और फिल्मों में अच्छे किरदारों की तलाश कर रहे हैं और अपने लिए एक नई शुरुआत करना चाहते हैं।
सूरज मानते हैं कि उनकी जिंदगी का यह दौर बहुत कठिन रहा, लेकिन इसने उन्हें मजबूत बना दिया है। वे कहते हैं, “मैं अब ज्यादा समझदार और शांत हो चुका हूं। अब मैं किसी भी परिस्थिति का सामना करने को तैयार हूं।”
क्यों नहीं मिला इंडस्ट्री से सपोर्ट?
सूरज पंचोली के अनुसार, उन्हें इंडस्ट्री से सपोर्ट न मिलने की सबसे बड़ी वजह थी – “डर”। लोग विवादों से दूर रहना चाहते हैं। कोई नहीं चाहता कि उसका नाम किसी केस या नकारात्मक खबरों में जुड़ जाए।
इसके अलावा, बॉलीवुड में ‘नेटवर्किंग’ और ‘क्लिक कल्चर’ बहुत मजबूत है। जब कोई कलाकार विवादों में होता है, तो लोग उससे दूरी बनाना ही बेहतर समझते हैं। सूरज की स्थिति में भी यही हुआ।
वे यह भी मानते हैं कि स्टार किड का टैग केवल तभी काम करता है जब आप लोकप्रिय हों या सफल हों। लेकिन जब आपके ऊपर केस चल रहा हो, तो यही टैग आपके खिलाफ काम करता है।
भविष्य की राह
अब जबकि सूरज पंचोली को कोर्ट से राहत मिल चुकी है, वे फिर से अपने करियर पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं। वे मानते हैं कि समय के साथ चीजें बदलेंगी और लोग उन्हें एक अभिनेता के रूप में स्वीकार करेंगे।
उनका कहना है, “मैं चाहता हूं कि लोग मेरी एक्टिंग देखें, मेरा काम देखें। मैं गलत नहीं था, और अब मुझे अपनी सच्चाई साबित करनी है।”
निष्कर्ष
सूरज पंचोली की कहानी यह दिखाती है कि बॉलीवुड जैसी इंडस्ट्री में सिर्फ टैलेंट और बैकग्राउंड काफी नहीं होता। यदि आप किसी विवाद में फंस जाएं, तो इंडस्ट्री और समाज आपको बहुत जल्दी छोड़ देते हैं। सूरज ने अकेले अपने दम पर इस लड़ाई को लड़ा और अंततः न्याय पाया।