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India-Pakistan Ceasefire पर ट्रंप का बयान: सऊदी अरब में बोले – “सीजफायर मेरा काम है”


डोनाल्ड ट्रंप का दावा: भारत-पाकिस्तान सीजफायर का श्रेय खुद को दिया

Trump’s statement on India-Pakistan ceasefire: Said in Saudi Arabia – “Ceasefire is my job” : सऊदी अरब की यात्रा पर पहुंचे अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर भारत और पाकिस्तान के बीच हुए सीजफायर (संघर्षविराम) का श्रेय खुद को देते हुए बयान दिया है। उन्होंने दावा किया कि उनके प्रयासों से ही यह संघर्षविराम संभव हो पाया था। यह कोई पहली बार नहीं है जब ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान संबंधों में अपने हस्तक्षेप का उल्लेख किया हो।

उनके इस बयान के बाद फिर से राजनीतिक और कूटनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई हैं। भारत की ओर से हालांकि अब तक इस बयान पर कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन ट्रंप के इस दावे ने वैश्विक राजनीति में हलचल जरूर मचा दी है।


क्या था भारत-पाकिस्तान सीजफायर समझौता?

फरवरी 2021 में भारत और पाकिस्तान के सैन्य अधिकारियों के बीच एक महत्वपूर्ण सहमति बनी थी, जिसमें दोनों पक्षों ने नियंत्रण रेखा (LoC) पर संघर्षविराम का पालन करने का संकल्प लिया था। इस समझौते के बाद LoC पर गोलीबारी और घुसपैठ की घटनाओं में कमी आई थी।

इस समझौते की प्रमुख बातें थीं:

  • दोनों देशों की सेनाएं 2003 के संघर्षविराम समझौते का सख्ती से पालन करेंगी।
  • कोई भी पक्ष सीमा पार गोलीबारी या सैन्य गतिविधि नहीं करेगा।
  • किसी भी प्रकार की गलतफहमी को संवाद के माध्यम से सुलझाया जाएगा।

ट्रंप की भूमिका पर सवाल: क्या उन्होंने वाकई निभाई कोई भूमिका?

डोनाल्ड ट्रंप जब अमेरिका के राष्ट्रपति थे, तब उन्होंने कई बार भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता की पेशकश की थी। 2019 में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान से मुलाकातों के दौरान यह प्रस्ताव रखा था। हालांकि भारत ने हमेशा स्पष्ट किया है कि कश्मीर और अन्य मुद्दे द्विपक्षीय हैं और इसमें किसी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं हो सकती।

ट्रंप के पिछले दावे:

  • 2019 में ट्रंप ने कहा था कि पीएम मोदी ने उनसे कश्मीर पर मध्यस्थता करने को कहा है, जिसे भारत सरकार ने तत्काल खारिज कर दिया।
  • उन्होंने पाकिस्तान की प्रशंसा करते हुए कहा था कि “खान अच्छे दोस्त हैं” और क्षेत्रीय शांति में उनकी अहम भूमिका हो सकती है।
  • अब सऊदी अरब में उन्होंने कहा कि “भारत-पाकिस्तान सीजफायर मेरी वजह से हुआ, मेरे बिना यह मुमकिन नहीं था।”

भारत की नीति: कोई तीसरा पक्ष नहीं

भारत हमेशा से यह स्पष्ट करता आया है कि कश्मीर या पाकिस्तान से जुड़ा कोई भी मुद्दा केवल द्विपक्षीय वार्ता से ही सुलझाया जाएगा। भारत सरकार की नीति है कि विदेशी हस्तक्षेप स्वीकार नहीं किया जाएगा, चाहे वह अमेरिका जैसा शक्तिशाली देश ही क्यों न हो।

विदेश मंत्रालय का रुख:

  • किसी भी देश को भारत-पाक संबंधों में मध्यस्थता की अनुमति नहीं दी गई है।
  • भारत का संविधान, संप्रभुता और विदेश नीति इस तरह के किसी हस्तक्षेप की इजाजत नहीं देता।
  • सभी अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत ने कश्मीर को आंतरिक मामला बताया है।

राजनीतिक प्रतिक्रियाएं: ट्रंप के दावे पर बवाल

ट्रंप के इस बयान को लेकर भारत में राजनीतिक हलकों में भी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। विपक्षी दलों ने इसे लेकर सवाल उठाए हैं, जबकि भाजपा समर्थकों ने ट्रंप के बयान को एकतरफा बताते हुए खारिज कर दिया।

कांग्रेस की प्रतिक्रिया:

  • कांग्रेस ने केंद्र सरकार से स्पष्ट करने को कहा है कि क्या ट्रंप का दावा सही है?
  • उन्होंने पूछा कि यदि ट्रंप की मध्यस्थता से सीजफायर हुआ, तो संसद को क्यों नहीं बताया गया?
  • उन्होंने इसे विदेश नीति में पारदर्शिता की कमी बताया।

भाजपा की सफाई:

  • भाजपा ने कहा कि ट्रंप अपनी छवि चमकाने के लिए ऐसे बयान दे रहे हैं।
  • भारत की विदेश नीति और कूटनीति को किसी बाहरी हस्तक्षेप की जरूरत नहीं।
  • भारत और पाकिस्तान के सैन्य अधिकारियों ने आपसी समझौते से सीजफायर तय किया था।

अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों की राय: ट्रंप का बयान राजनीति से प्रेरित

कूटनीतिक मामलों के जानकारों का मानना है कि डोनाल्ड ट्रंप के ऐसे बयान उनके चुनावी एजेंडे का हिस्सा हो सकते हैं। 2024 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों की तैयारियों के बीच ट्रंप अंतरराष्ट्रीय उपलब्धियों को अपने पक्ष में गिनवाना चाह रहे हैं।

विशेषज्ञों की टिप्पणियां:

  • ट्रंप हमेशा से ही अपने कार्यकाल को सफल दिखाने के लिए अंतरराष्ट्रीय मामलों में अपनी भूमिका बढ़ा-चढ़ाकर बताते रहे हैं।
  • भारत-पाकिस्तान के बीच बातचीत या समझौते उनकी पहल पर नहीं, बल्कि दोनों देशों के आंतरिक संवाद से संभव हुए हैं।
  • यह दावा उनकी छवि निर्माण का हिस्सा है, जिसमें उन्हें “डील मेकर” दिखाया जाता है।

ट्रंप की सऊदी यात्रा: नई रणनीति या प्रचार?

सऊदी अरब में ट्रंप का यह दौरा काफी चर्चा में है। उन्होंने न केवल क्षेत्रीय राजनीति पर बयान दिए, बल्कि खुद को फिर से वैश्विक नेता के रूप में प्रस्तुत करने की कोशिश की है। ट्रंप के समर्थकों का मानना है कि वे फिर से अमेरिका को “महान” बनाएंगे, जबकि विरोधी उन्हें पुराने विवादों को हवा देने वाला नेता मानते हैं।

ट्रंप के मुख्य एजेंडे:

  • मध्य पूर्व में शांति स्थापना में अपनी भूमिका को प्रचारित करना।
  • भारत-पाकिस्तान जैसे जटिल मामलों में खुद को निर्णायक नेता दिखाना।
  • अमेरिकी-इस्लामी संबंधों में अपनी भूमिका को उजागर करना।

निष्कर्ष: दावा बड़ा, प्रमाण नहीं

डोनाल्ड ट्रंप का यह दावा कि भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम उन्हीं के कारण हुआ, काफी बड़ा है। लेकिन इसके पक्ष में कोई ठोस सबूत या आधिकारिक पुष्टि नहीं है। भारत की विदेश नीति और बयान साफ तौर पर बताता है कि किसी भी तीसरे देश की भूमिका स्वीकार नहीं की गई थी।

इसलिए जब तक कोई आधिकारिक दस्तावेज या पुष्टि सामने नहीं आती, तब तक ट्रंप का यह बयान एक राजनीतिक प्रचार का हिस्सा ही माना जा सकता है। भारत के लिए यह ज़रूरी है कि वह अपनी विदेश नीति की स्वतंत्रता और संप्रभुता को बनाए रखे, भले ही विश्व के कितने भी बड़े नेता किसी भी दावे के साथ सामने आएं।


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Ashish
Ashishhttps://www.aajkinews27.com
Ashish is a passionate news writer with 3 years of experience covering politics, business, entertainment, sports, and the latest news. He delivers accurate and engaging content, keeping readers informed about current events. With a keen eye for detail, Ashish ensures every story is well-researched and impactful. Stay updated with his insightful news coverage.
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