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Wamiqa Gabbi: वामिका गब्बी ने 38 घंटों तक किया काम, दीपिका पादुकोण की मांग पर रखी राय

Vamika Gabbi worked for 38 hours : बॉलीवुड में आजकल नई प्रतिभाओं की बाढ़ आई हुई है, और उनमें से एक नाम जो तेजी से उभर रहा है, वह है वामिका गब्बी (Wamiqa Gabbi)। अपने शानदार अभिनय और संजीदा किरदारों से लोगों के दिलों में जगह बनाने वाली वामिका इन दिनों चर्चा में हैं। हाल ही में उन्होंने एक ऐसा खुलासा किया जिसने इंडस्ट्री के काम करने के तरीकों पर फिर से बहस छेड़ दी है। उन्होंने बताया कि उन्होंने एक शूट के दौरान लगातार 38 घंटे तक बिना रुके काम किया। इसके साथ ही उन्होंने दीपिका पादुकोण द्वारा सेट पर मनोवैज्ञानिक सुविधा (mental health professional) की मांग को लेकर भी अपनी राय जाहिर की।

इस बयान के बाद न केवल फैंस, बल्कि फिल्म इंडस्ट्री के कई लोग भी उनके समर्थन में सामने आ गए हैं। आइए विस्तार से जानते हैं कि वामिका ने क्या कहा, उनका अनुभव कैसा रहा और उन्होंने दीपिका के बारे में क्या राय दी।


38 घंटे तक बिना रुके काम!

हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान वामिका गब्बी ने फिल्म इंडस्ट्री में चल रहे वर्क कल्चर पर बात करते हुए चौंकाने वाला खुलासा किया। उन्होंने बताया कि उन्होंने एक वेब सीरीज की शूटिंग के लिए लगातार 38 घंटे तक काम किया, जिसमें उन्हें खाने-पीने और नींद का भी पूरा वक्त नहीं मिला।

वामिका ने कहा:

“मैं थक चुकी थी, आंखें खुल नहीं रही थीं, लेकिन फिर भी कैमरा चल रहा था। जब आप एक प्रोजेक्ट से जुड़ते हैं, तो सिर्फ एक एक्टर नहीं रहते, एक जिम्मेदारी बन जाती है कि शूट खत्म हो, प्रोडक्शन का खर्च न बढ़े, लेकिन हमारी सेहत का क्या?”

इस बयान ने इंडस्ट्री के वर्किंग स्टैंडर्ड पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जहां एक ओर फिल्में और वेब सीरीज तेजी से बन रही हैं, वहीं दूसरी ओर एक्टर्स और क्रू की मानसिक और शारीरिक थकावट को नजरअंदाज किया जा रहा है।


दीपिका पादुकोण की मांग पर वामिका की राय

कुछ समय पहले दीपिका पादुकोण ने एक इंटरव्यू में यह मांग रखी थी कि बड़े-बड़े फिल्म सेट्स पर मेंटल हेल्थ प्रोफेशनल्स की व्यवस्था की जानी चाहिए, ताकि एक्टर्स और क्रू मानसिक रूप से स्वस्थ रह सकें।

वामिका से जब इस पर राय पूछी गई, तो उन्होंने खुलकर दीपिका का समर्थन किया। उन्होंने कहा:

“दीपिका बिल्कुल सही कह रही हैं। यह सिर्फ फिजिकल थकावट की बात नहीं है, सेट पर मानसिक तनाव भी बहुत होता है। लंबे घंटों की शूटिंग, किरदार में घुसने की मानसिक तैयारी, और फिर सोशल मीडिया की आलोचना – ये सब मिलकर मानसिक दबाव बढ़ाते हैं।”

उन्होंने आगे कहा कि अगर सेट पर एक प्रोफेशनल मौजूद हो, जिससे कोई भी अपनी बात शेयर कर सके, तो यह न केवल कलाकार की मानसिक स्थिति को बेहतर बनाएगा, बल्कि परफॉर्मेंस भी ज्यादा प्रभावशाली होगी।


वर्क कल्चर पर सवाल

वामिका का बयान केवल एक व्यक्तिगत अनुभव नहीं है, बल्कि इससे यह सवाल भी उठता है कि फिल्म इंडस्ट्री में काम करने का तरीका कितना मानवीय है? आज के दौर में जब ओटीटी प्लेटफॉर्म्स के कारण शूटिंग्स की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तब समयसीमा (deadlines) को पूरा करने के लिए कई बार क्रू को हद से ज्यादा काम करना पड़ता है।

वामिका ने साफ तौर पर कहा:

“कभी-कभी ऐसा लगता है कि हम इंसान नहीं, मशीन बन गए हैं। सेट पर अगर कोई बीमार हो जाए, तो भी शेड्यूल की चिंता पहले होती है, इंसान की हालत बाद में देखी जाती है। ये बदलना चाहिए।”


सोशल मीडिया पर मिली प्रतिक्रिया

वामिका गब्बी के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर उन्हें भरपूर समर्थन मिला है। फैंस ने उनकी हिम्मत की तारीफ की और इस बात की सराहना की कि उन्होंने इतना गंभीर मुद्दा उठाया।

कुछ यूजर्स के रिएक्शन:

  • “38 घंटे तक काम करना इंसानियत के खिलाफ है, ये इंडस्ट्री के भीतर की सच्चाई दिखाता है।”
  • “वामिका जैसी एक्ट्रेस जब बोलती है, तब पता चलता है कि चमक-धमक के पीछे कितना अंधेरा है।”
  • “दीपिका और वामिका जैसे लोगों को सलाम, जो मेंटल हेल्थ को लेकर खुलकर बात कर रहे हैं।”

वामिका की जर्नी अब तक

वामिका गब्बी ने अपने करियर की शुरुआत पंजाबी फिल्मों से की थी। इसके बाद उन्होंने तमिल, तेलुगु और हिंदी भाषाओं में भी कई फिल्में और वेब सीरीज कीं। उनका अभिनय हर बार दर्शकों के दिल को छूता है। हाल ही में वह “जुबली”, “मॉडर्न लव मुंबई” और “खुफिया” जैसी प्रोजेक्ट्स में नजर आईं, जहां उनके अभिनय की खूब सराहना हुई।

वामिका ना सिर्फ अभिनय में निपुण हैं, बल्कि समाजिक मुद्दों पर भी खुलकर बोलने से पीछे नहीं हटतीं। चाहे वह मानसिक स्वास्थ्य की बात हो या महिलाओं के अधिकारों की – वामिका हर मुद्दे पर मुखर रहती हैं।


क्या इंडस्ट्री में बदलाव आएगा?

वामिका और दीपिका जैसी हस्तियों के बयान न सिर्फ ट्रेंड बनते हैं, बल्कि सोचने पर मजबूर भी करते हैं। इंडस्ट्री में ऐसे बदलाव की जरूरत है जहां कलाकारों और क्रू की सेहत और भावनात्मक स्थिति को प्राथमिकता दी जाए।

फिल्मों की सफलता सिर्फ ग्लैमर और बॉक्स ऑफिस से नहीं, बल्कि उस टीम की मेहनत से भी तय होती है जो कैमरे के पीछे और सामने काम करती है। अगर उनकी सेहत ही ठीक नहीं होगी, तो कैसे बेहतर कंटेंट सामने आएगा?


निष्कर्ष:

वामिका गब्बी का 38 घंटे तक बिना रुके काम करने का अनुभव और दीपिका पादुकोण के विचारों का समर्थन यह दर्शाता है कि फिल्म इंडस्ट्री के भीतर भी बदलाव की आवाज उठ रही है। जहां आज हर कोई सिर्फ “परफॉर्मेंस” की बात करता है, वहीं वामिका जैसे कलाकार “मानवता” की बात कर रहे हैं।

यह सिर्फ एक बयान नहीं, बल्कि एक संकेत है – कि अब वक्त है कि काम के साथ-साथ कलाकारों की मानसिक और शारीरिक स्थिति को भी गंभीरता से लिया जाए।

Ashish
Ashishhttps://www.aajkinews27.com
Ashish is a passionate news writer with 3 years of experience covering politics, business, entertainment, sports, and the latest news. He delivers accurate and engaging content, keeping readers informed about current events. With a keen eye for detail, Ashish ensures every story is well-researched and impactful. Stay updated with his insightful news coverage.
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